धान की खेती : अगर आप किसान हैं और धान की खेती करते हैं तो आप लोगों के लिए आज का खबर खास हो सकता है। किसानों के लिए वैज्ञानिक ने एक ऐसा धान का नया किस्म बनाया है जिसमें किसानों को फायदा हो सकता है बताया जा रहा है इस धान की नई किस्म से बंजर पड़े जमीनों में भी धान की अच्छी पैदावार हो सकता है, और पूरे देश में इसकी खेती किया जा सकता है। धान के इस नए किस्म के खासियत को लेकर बताया जा रहा है कि की इस नए किस्म में मिट्टी की लवणता को सहन करने की अधिक क्षमता है। इसका मतलब यह हुआ है कि किसान चावल यानी कि धान की इस नई किस्म की खेती बंजर पड़े जमीन पर भी कर सकते हैं। जानेंगे पूरी खबर आज के इस पोस्ट पर तो पूरे पोस्ट पर बने रहियेगा।
भारत मे धान की खेती और किसानों को फायदा..
खेती किसानी सबसे ज्यादा भारत में की जाती है यहां के किसान अपने खेतों पर अलग-अलग मौसम आधारित विभिन्न फसलों का उत्पादन करते हैं इसलिए भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। किसानों के मुख्य आमदनी खेती किसानी से ही होती है। इसी तरह छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है यहां सबसे ज्यादा धान का उत्पादन होता है।
धान की खेती किसानों का मुख्य फसल है अधिकांश किसान अपने खेतों पर धान लगाते हैं और उसी से आय अर्जित करते हैं, इसी धान को संचय करके भविष्य के लिए रखा जाता है। और अतिरिक्त धान को बेचकर आय अर्जित किया जाता है। इस तरह देखे तो किसानों का मुख्य फसल धान है, किसान सहकारी समितियों या मंडियों में धान बेचकर आय अर्जित करते हैं इस तरह आय का मुख्य स्रोत धान है।
वैज्ञानिकों ने तैयार किया धान का नया किस्म..
किशन भाइयों अब हम जानते हैं धान की वह कौन सा किस्म है जिसको वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए तैयार किया है तो इसको लेकर जैसे की खबरों में बताया जा रहा है केकेएल (आर) 3 नाम की इस नई किस्म को पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (PAJANCOA और RI) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने विकसित किया है।
केकेएल (आर) की खासियत क्या है ?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शोध में पाया गया है कि खारा और सामान्य दोनों तरह की मिट्टी में केकेएल (आर) की खेती की जा सकती है। क्योंकि दोनों तरह की मिट्टी में इसका शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है। यह बंजर और सामान्य जमीन पर तेजी के साथ विकास करती है। यही वजह है कि शोधकर्ताओं ने बंजर जमीन पर खेती करने इस किस्म को ज्यादा उपयोगी माना है. ऐसे में कहा जा रहा है कि दक्षिण भारत के राज्यों के लिए केकेएल (आर) 3 किसी वरदान से कम नहीं है. इसकी खेती करने से किसानों की इनकम में बढ़ोतरी होगी।
पूरे देश में किया जा सकता है खेती..
धान की इस नए किस्म को लेकर बताया जा रहा है कि इसकी खेती पूरे देश में किया जा सकता है वही इसको लेकर शोधकर्ताओं का कहना है कि यह किस्म उत्तर भारत के जलवायु के लिए भी अनुकूल है. ऐसे में दक्षिण के साथ-साथ उत्तर भारत में भी किसानों को धान की पैदावार बढ़ाने में मदद मिलेगी। यानी जो किसान पहले बंजर जमीन पर किसी भी फसल की खेती नहीं करते थे, वे अब वहां पर धान की इस किस्म की खेती करेंगे।
FAQs
Q1. क्या किसानों को होगा फायदा ?
Ans1. किसानों को इस नए किस्म की खेती से आय में वृद्धि होने के आसार नजर आ रहा है, जिस तरह से इसको लेकर जानकारियां दी जा रही है खबरों के माध्यम से बताया जा रहा है तो उसे हिसाब से देखे तो अगर किसान इसकी खेती करते हैं तो अधिक उत्पादन हो सकता है। अगर अधिक उत्पादन होता है तो किसानों को इससे अच्छा आय भी प्राप्त होगा और इस तरह आगे किसानों को इससे फायदा मिल सकता है।
Q2. कहाँ-कहाँ हो सकता है इसकी खेती ?
Ans2. किसानों के मन में यह भी सवाल उठ रहा होगा कि किसने किस्म की खेती कहां-कहां किया जा सकता है तो उसको लेकर जैसे की रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है की लगभग भारत के सभी जगह पर इसकी खेती किया जा सकता है।
Q3. क्या बंजर जमीन में भी खेती किया जा सकता है ?
Ans3. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शोध में पाया गया है कि खारा और सामान्य दोनों तरह की मिट्टी में केकेएल (आर) की खेती की जा सकती है। क्योंकि दोनों तरह की मिट्टी में इसका शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है। यह बंजर और सामान्य जमीन पर तेजी के साथ विकास करती है।
Q4. कहाँ से मिलेगा इसकी बीज ?
Ans4. अब बात आती है कि कहां इसका बीज मिल सकता है तो इसको लेकर अभी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। अभी वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया है। सभी तरह के टेस्ट के बाद अगर टेस्ट में सही पाया जाता है तो आने वाले समय पर सरकार द्वारा किसानों के लिए व्यवस्था किया जा सकता है, पर फिलहाल इस पर कोई जानकारी नहीं है।
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