कोण्डागांव : सोमवार को वन विभाग कृषि विभाग उद्यान विभाग तथा बिहान समूह की महिलाओं हेतु कोदो कुटकी एवं रागी उत्पादन एवं उपार्जन हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। बैठक में कलेक्टर ने शासन की मंशा अनुरूप कोंडागांव जिले में कोदो, कुटकी एवं रागी के उत्पादन एवं प्रसंस्करण पर बल देते हुए कहा कि कोदो, कुटकी एवं रागी के उत्पादन हेतु कृषकों को प्रोत्साहित करें। जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि होगी साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति में भी वृद्धि होगी।
कब से होगी खरीदी व कितना मिलेगा दाम :
जिले में कोदो कुटकी एवं रागी को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा किया जा रहा है यदि किसानों को बाजार में उचित मूल्य प्राप्त नहीं होता है तो वह नजदीकी वन प्रबंधन समितियों के पास जाकर कोदो, कुटकी एवं रागी का विक्रय कर सकते हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस वर्ष शासन के निर्देशानुसार 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक कोदो, कुटकी एवं रागी का उपार्जन वन समितियों की महिला समूहों के माध्यम से वन विभाग द्वारा किया जाएगा।
इस दौरान डीएफओ कोण्डागांव रमेश जांगड़े ने बताया कि कोदो, कुटकी एवं रागी का उपार्जन हेतु वन प्रबंधन समितियों को नोडल एजेंसी बनाया गया है। जहां कोदो, कुटकी 3.5 क्विंटल प्रति एकड़ फसल को क्रमशः 3000 एवं 3100 रुपये प्रति क्विंटल दर से उपार्जन किया जाएगा। वहीं रागी का 02 क्विंटल प्रति एकड़ उपार्जन 3578 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किया जाना है।
कोदो कुटकी हेतु 50 किलोग्राम के बोरे तैयार किए जाएंगे :
जिसके लिए शासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके अनुसार केवल नए उत्पादित कोदो कुटकी का उपार्जन किया जाना है। उसमें 12% से कम नमी तथा साफ-सुथरा होना चाहिए। उपार्जित धान के लिए वन प्रबंधन समितियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने 3 दिन के भीतर वन विभाग द्वारा की गई व्यवस्था अनुसार उठाव सात दिवस के भीतर जिला यूनियन के माध्यम से ट्रांसपोर्टिंग किया जाएगा। कोदो कुटकी हेतु 50 किलोग्राम के बोरे तैयार किए जाएंगे। इनके प्रसंस्करण के लिए विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है।
कुटकी, रागी के साथ पाम, नारियल जैसे व्यवसायिक फसल :
इस अवसर पर कलेक्टर द्वारा रागी कोदो कुटकी के उत्पादन के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए कृषि सखियों एवं मैदानी कर्मचारियों को किसानों को कोदो, कुटकी, रागी के साथ पाम, नारियल जैसे व्यवसायिक फसलों के उत्पादन हेतु प्रोत्साहित करने तथा गांव में दीवार लेखन कराने के साथ मक्का उपार्जन के सम्बंध में भी लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि वन संसाधन पत्र प्राप्त भूमियों पर औषधीय तथा व्यावसायिक पौधों के वृक्षारोपण से किसानों को वृहद लाभ प्राप्त होगा साथ शासन के निर्देशानुसार इन व्यवसायिक फसलों को बाय बैक गारंटी के साथ उत्पादित किए जाने पर बल दिया जा रहा है। जिसके लिए विक्रेता, किसान एवं विभाग के मध्य अनुबंध के माध्यम से खरीदी की जाएगी। इस अवसर पर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना अंतर्गत पाम वृक्षों का वृक्षारोपण कर किसानों की अतिरिक्त आमदनी हेतु योजना की विस्तृत जानकारी दी गई। जिसमें उन्होंने बताया कि जिले में पाम के प्रसंस्करण हेतु प्लांट की स्थापना की जाएगी। जिससे स्थानीय कृषकों को वृहद लाभ होगा।
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