छत्तीसगढ़ में बनेगा ग्रामीण उद्योग नीति, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए रोजगार का अवसर

इस Post को आप Share भी कर सकते हैं 👇

Chhattisgarh : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि के लिए नई उद्योग नीति की तर्ज पर जल्द ही ग्रामीण उद्योग नीति बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाए। श्री बघेल आज अपने निवास कार्यालय मेें आयोजित कार्यक्रम में पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को गोबर क्रय तथा लाभांश राशि के ऑनलाईन वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रय में 8 करोड़ 23 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रय को संबोधित करते हुए कहा कि गौठान से जुड़े रूरल इंडस्ट्रियल पार्क अधिकतर जगहों पर क्रियाशील हो रहे हैं। अब यह पूर्णरूप से कार्य करें उसके पहले हमें ग्रामीण उद्योग नीति बनाने की दिशा में कार्य करना होगा इसके लिए संबंधित विभाग जल्द प्रक्रिया पूर्ण करें। जिससे कि जब पूर्ण रूप से रूरल इंडस्ट्रियल पार्क कार्य करना प्रारंभ करेंगे तो इनसे जुड़े हितग्राहियों को बैंक से ऋण लेना तथा अन्य व्यवसाय शुरू करने में मदद मिल सके।

इसके फ़ायदे ?

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण उद्योग नीति बनाई जाएगी जिसका लाभ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा इसके तहत अनेक रोजगारमुखी कार्यक्रम योजना तैयार की जाएगी जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा और आय में इजाफा होगा । साथ ही सरकार द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं और मिलने वाले सब्सिडी जिस तरह अन्य योजनाओं का सीधा हितग्राहियों के खाता में ट्रांसफर होता है तो कुछ इस प्रकार इन योजनाओं का भी लाभ ग्रामीण अंचलों के लोगों को मिल सकेगा।

इसे भी पढ़ें -  महतारी वंदन योजना, देखिये रिजेक्ट हो गया फॉर्म सूची.. देखिये 33 जिलों के आवेदनों की सूची जारी.. 

अगर सरकार ग्रामीणों के हित मे काम करने का विचार कर रहा है उनके आय के लिए सोच रहा है रोजगार के लिए योजना बना रहा है तो यह एक फायदेमंद साबित हो सकता है सरकार के लिए भी और लोगों के लिए भी….

गोधन न्याय योजना 8.23 करोड़ के भुगतान :

मुख्यमंत्री ने पशुपालकों सहित गौठान से जुड़े महिला समूहों को बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि वे लगातार रिकॉर्ड बना रहे हैं। 8.23 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 403 करोड़ 58 लाख रूपए हो जाएगा। इसी प्रकार गोबर विक्रेताओं को 4.76 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 206 करोड़ 49 लाख रूपए हो जाएगा। उन्होंने गोबर से बिजली उत्पादन के लिए शुरू की गई बिजली यूनिट पर खुशी जाहिर करते हुए, इन यूनिटों से उत्पादित बिजली को पॉवर ग्रिड से जोड़ने और बिजली की कीमत  तय करने के निर्देश दिए।

चिटफंड अंतर्गत 3 हजार 274 निवेशकों को 2 करोड़ 56 लाख रुपए की राशि लौटायी :

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअली कार्यक्रम में चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले दुर्ग जिले के 3 हजार 274 निवेशकों को 2 करोड़ 56 लाख रुपए की राशि लौटायी । इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों को अब तक लगभग 40 करोड़ रुपए की राशि लौटाई जा चुकी है । हमारी सरकार छत्तीसगढ़ में ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कर रही है । ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों की सम्पत्तियों को कुर्क कर निवेशकों को राशि वापस की जा रही है । उन्होंने कहा कि चिटफंड कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में भोले-भाले लोगों को लालच देकर जीवनभर की कमाई लूट ली । हमारी सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि निवेश करने वालों को उनका पैसा वापस मिल जाये । देश में छत्तीसगढ़ ही एकमात्र राज्य है जो निवेशकों को उनका पैसा वापस दे रहा है ।

इसे भी पढ़ें -  धान बोनस.. छत्तीसगढ़ कृषक उन्नति योजना, इन किसानों को मिलेगा प्रति एकड़ 19257 रुपये धान बोनस.. जाने विस्तार से..


इस Post को आप Share भी कर सकते हैं 👇
error: Content is protected !!