धान की नई किस्म कम लागत कम पानी में भी ज्यादा उत्पादन.. किसानों के लिए काम की खबर..

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धान की नई किस्म : अभी खरीफ के सीजन शुरू होने वाला है देश के अधिकांश किसान धान की खेती करते है धान की खेती से उत्पादन अधिक होता है और इससे लाभ भी अधिक होने के कारण किसान धान की खेती पर ज्यादा ध्यान देते हैं। धान की नई किस्म को लेकर जानकारी सामने आ रही है बताया जा रहा है इससे कम लागत कम पानी मे भी उत्पादन किया जा सकता है। 

धान की खेती किसान इसलिए ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि सरकार धान खरीदी करती है इसके अलावा किसान खुद अपने अनाज के रूप में भी इसको उपयोग करते हैं तो इस तरह किसान धान की खेती से आय अर्जित करते हैं इसके साथ-साथ अपने खाने में भी किसान चावल के रूप में उपयोग में लाते हैं। इसलिए देश के ज्यादातर किसान धान की खेती करने पर ज्यादा ध्यान देते हैं। 

अभी खरीफ सीजन शुरू होने वाला है जैसे ही सीजन शुरू होगा किसान अपने खेतों पर धान के लिए नर्सरी लगना शुरू कर देंगे मई जून का महीने में किसान धान की खेती का प्रारंभिक कार्य शुरू कर देते है ऐसे में इस बार किसानों के लिए धान की नई किस्म को लेकर कुछ खबरें व जानकारी सामने निकल कर आ रही है जो आप लोगों के साथ साझा कर रहे हैं। 

धान की नई किस्म के सबौर मंसूरी के बारे में 

प्राप्त जानकारी अनुसार धान खरीफ सीजन की मुख्य फसल है. कम पानी, खाद और कम लागत में सामान्य धान की तुलना में धान की नई वेरायटी सबौर मंसूरी में लगभग डेढ़ गुना ज्यादा उपज मिलेगी. केंद्र से इस वेरायटी की नोटिफिकेशन एक महीने में जारी होगी। इसी खरीफ सीजन से ही किसान इस धान को अपने खेतों में लगा सकेंगे।

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इन राज्य में हो सकता है खेती : बताया जा रहा है 9 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना और पांडिचेरी में इस धान का उत्पादन होगा। 

सीधी बुआई : जानकारी अनुसार इस धान के बीज को बिना रोपनी सीधी लगाई जा सकती है. धान की नई किस्म की खोज बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने की है. पिछले 4 वर्षों तक बिहार सहित देश के 19 राज्यों में समन्वित धान सुधार परियोजना के तहत 125 केंद्रों पर परीक्षण किया गया था। 

धान की नई किस्म के सबौर मंसूरी उत्पादन 

बिहार कृषि विभाग के मुताबिक, सबौर मंसूरी धान का औसत उत्पादन 65 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. अधिकतम उत्पादन क्षमता 122 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पाया गया है. राज्य के किसानों के खेतों में प्रयोग में भी इस वेरायटी का उत्पादन 107 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक मिला है।

धान की नई किस्म के सबौर मंसूरी खासियत

बताया जा रहा है सबौर मंसूरी मौसम के अनुकूल वेरायटी है.  सीधी बुवाई और कठिन परिस्थिति में भी 135 से 140 दिनों में 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से ज्यादा उत्पादन पाया है. इस वेरायटी के पौधे में औसतन 18 से 20 कल्ले होते हैं। धान की इस प्रजाति में रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है। जीवाणु झुलसा, झोंका रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है. तना छेदक और भूरा पत्ती लपेटक कीट के प्रति सहनशील है. साथ ही इसका तना भी बहुत मजबूत है, जिससे ये बदलते जलवायु में बार-बार आने वाले आंधी और तूफान में नहीं गिरेगी। 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना मीडिया रिपोर्ट्स व जानकारियों पर आधारित है, इसलिए किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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