गर्मियों में इन फ़सलों से किसानों का बढ़ेगा आमदनी.. पानी भी कम खर्चा भी कम.. जल्द हो जाती है तैयार

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खेती किसानी से आमदनी – किसान भाइयों स्वागत है ईट्स छत्तीसगढ़ के और एक नई ब्लॉग में, इन फसलों से बढ़ेगा किसानों की आमदनी जी हां धान की कटाई के बाद अब किसान खाली पड़े जमीन पर गर्मी की फसल करने की तैयारी पर जुट गए है, गर्मी के दिनों में ऐसे फ़सलों की तैयारी कीजिए जिसका लागत कम हो और आमदनी भी बढ़िया हो कुछ इस तरह के फसलों के बारे में जानकारी आज हम आप लोगों के साथ शेयर कर रहे हैं। जिससे कि किसान भाइयों को गर्मी में आमदनी भी बढ़े और खाली जमीन का सही उपयोग हो।

अक्सर आपने देखा होगा शहरों में गर्मी के दिनों में सब्जी और फलों की मांग बढ़ जाती है इसमें खास कर तरबूज, खीरा, ककड़ी, इस तरह के फलों की मांग बढ़ती है और दाम भी अच्छे मिल जाते हैं। अगर आपके पास ज्यादा उत्पादन है तो आप इसको थोक में भी बेच सकते हैं, तो आज हम जाने वाले हैं इन फसलों के लिए किस तरह का खेती के तरीकों को अपना सकते हैं। ताकि लागत कम हो और आमदनी अच्छी हो और खास बात यह की इन फसलों में पानी की आवश्यकता और उर्वरक की आवश्यकता भी कम होती है। 

आमदनी बढ़ाने वाले गर्मी महीने की फसल 

गर्मी के महीने में कई किसान धान की फसल भी लगाते हैं गर्मी के महीने में धान की अगर आप फसल लगते हैं तो पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। अगर आप अन्य फसल लगते हैं जिसकी बाजार में सीजन के हिसाब से मांग रहता है तो आप धान के बदले इन फसलों का भी उत्पादन ले सकते हैं। जैसे की ककड़ी, खीरा, तरबूज, लौकी, कद्दू, पालक भाजी अगर आपके पास व्यवस्था हो तो आप आम का उत्पादन भी कर सकते हैं। तो इस तरह के फसलों को अगर आप लगते हैं तो गर्मी के महीने में आपकी आमदनी बढ़ सकता है। इन फसलों से गर्मी के महीने में बाजार में अच्छा मांग रहता है और लोग बड़ी चाव से इनको खरीदते हैं।

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तरबूज, ककड़ी, खीरा की खेती कैसे करें ? कितना होगा आमदनी? 

तरबूज, ककड़ी, खीरा की खेती गर्मियों में किया जाता है। खासकर नदी किनारे वाले किसान या जिनके पास रेतीले जमीन हो, अप्रैल महीने में आने वाले तरबूज की खेती जनवरी-फरवरी महीने में की जाती है। इसके अलावा जून-जुलाई में किसान इसकी खेती करते हैं। खास बात यह है कि ये फसल जल्दी तैयार भी हो जाते हैं। तरबूज की फसल के लिए दोमट काली मिट्टी में ज्यादा उत्पादन होता है। 

जुताई बुआई और आमदनी – जानकारों के अनुसार किसान खेत की तैयारी समतल जुताई करके, बीज शोधन और बीज की मात्रा 150 से 200 ग्राम प्रति एकड़ करेंगे तो फसल अच्छी होती है। तरबूज, ककड़ी, खीरा का बाजार में एक नग का मूल्य 15 रुपये से लेकर 30 और 50 रुपये तक बिक जाते हैं। थोक रेट में तरबूज का भाव 20 से 25 रुपये होता है। वहीं बाजार में रिटेल 30 से 50 रु तक बिकता है। तो इस तरह से किसान गर्मी के महीने में इन फसलों से अच्छी आमदनी ले सकते हैं हालांकि स्थानीय बाजार के ऊपर निर्भर करता है की कितने मूल्य फसल बिक रहा है फिर भी बाजारों में मांग के अनुसार अच्छी कीमत मिलने पर किसानों को बढ़िया आमदनी होने की सम्भावना रहती है।

खाद व्यवस्था कैसे करें ? अब बात आती है इन फसलों की अच्छी आमदनी अच्छी उत्पादन और अच्छी खाद व्यवस्था कैसे करें तो इसके लिए जैसे की जानकारों के अनुसार बताया जाता है की तरबूज व खरबूज के लिए 250 क्विंटल अच्छी सड़ी गोबर खाद के साथ 80 kg फास्फोरस तथा पोटाश 40 kg प्रति हेक्टर उपयोग ले सकते है। तो इस तरह से किसान तरबूज व खरबूज की खेती के लिए खाद का व्यवस्था कर सकते हैं हालांकि खेती किसानी के लिए बेहतर खाद व्यवस्था और बेहतर जमीन का चयन किसानों के अनुभव को अच्छा माना जाता है फिर भी आप चाहे तो इन तरीकों को भी अपना सकते हैं।

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लौकी, कद्दू, की खेती कैसे करें ?

गर्मी के दिनों में किसान फलों की खेती के साथ सब्जी की खेती भी करेंगे तो आमदनी और भी ज्यादा बढ़ने के चांस होते हैं आप चाहे तो गर्मी के दोनों फल और सब्जी दोनों की खेती भी ले सकते हैं। इससे किसानों की आमदनी और ज्यादा हो सकता है। ज्यादातर किसान ज्यादा आमदनी के लिए गर्मी के दिनों में एक तरफ फलों की खेती करते हैं जैसे कि तरबूज खरबूज खीरा ककड़ी इस तरह की फसल लगते हैं जिनकी आमदनी अच्छी मिल जाती है। वही एक तरफ सब्जी वाली खेती जैसे कि लौकी कद्दू पालक भाजी की फसल भी लगाते हैं ताकि दो तरीके की फसलों से आमदनी और ज्यादा बढ़ सके।

लौकी, कद्दू की खेती के लिए – लौकी, कद्दू की खेती दोमट मिट्टी में अच्छी होती है। लगभग 50 से 55 दिनों के बाद इसकी फसल पैदावार देना आरंभ कर देती है. जानकारों के अनुसार लौकी की खेती के लिए एक एकड़ में लगभग 15 से 20 हजार की लागत आती है। बाजारों में अच्छा कीमत मिल जाने पर 50 हजार से ज्यादा आमदनी होने की संभावना रहती है।

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