मक्के की खेती : खरीफ का सीजन शुरू होने जा रहा है और किसान अपनी खेतों की तैयारी पर जुट गए है देखा जाये तो ज्यादातर किसान धान की खेती और मक्के की खेती करते हैं वही ग्रामीण क्षेत्र में किसान धान के साथ मक्के की खेती भी अधिक मात्रा पर करते हैं आसान शब्दों पर कहे तो हमारे किसान भाई धान के साथ-साथ मक्के की खेती भी करते हैं। आज हम बात करेंगे मक्के की खेती को लेकर कि आप मक्के की खेती कैसे कर सकते है जिससे कि मक्के का उत्पादन ज्यादा हो और किसान मक्के से लाभ उठा सके।
आज के इस पोस्ट पर मक्के की खेती के लिए बीज का चुनाव कैसे करें, मक्के की खेती के लिए खरपतवार नियंत्रण कैसे करें वही मक्के की खेती के लिए खाद प्रबंधन कैसे होने चाहिए, सिंचाई प्रबंधन कैसे होने चाहिए इस तरह के तमाम जानकारी आज हम आप लोग के साथ साझा करेंगे तो पूरी पोस्ट पर बने रहिएगा।
मक्के की खेती से किसानों को अधिक लाभ..
मक्के की खेती से किसान अधिक लाभ कमाते हैं क्योंकि मक्का का रेट भी अच्छा रहता है और वजन भी ज्यादा होता है मक्के की मांग बाजार में भी अच्छा रहता है और सरकार ने धान के साथ मक्के की खरीदी की प्रक्रिया भी शुरू की है तो इस तरह से किसान व्यावसायिक फसल के तौर पर मक्के की फसल भी लगा सकते हैं।
जिन किसान के पास धान की खेती के लिए जमीन है वही मक्के की खेती के लिए मैदानी इलाका है तो उन किसानों के लिए अच्छी बात है धान की फसल लगाकर किसान आमदनी तो कमा ही सकते हैं उसके साथ ही साथ मक्के की फसल लगाकर भी अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं। इस तरह से देखें तो मक्के की खेती से भी किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं।
मक्के का बीज चयन कैसे करें ?
किसान भाई अगर आप मक्के का फसल लगाना चाहते हैं तो सबसे पहले जरूरी है की सही बीज का चयन करना, मक्के के बीज के लिए बाजार में कई सारे किस्म के बीच मिल जाते हैं। जो विश्वसनीय है अपने क्षेत्र के जलवायु के अनुसार उपयुक्त हो और जो कम पानी या कम खाद में भी अच्छा उत्पादन दे सके ऐसे किस्म के बीच का चयन करना चाहिए जिससे कि अगर समय पर बारिश अगर नहीं भी होता है तो उस स्थिति पर भी फसल के ऊपर कोई प्रभाव न पड़े वहीं अगर खाद की मात्रा भी अगर कम हो जाता है तो उसे स्थिति में भी अच्छी पैदावार हो सके तो इस तरह से सही बीज का चुनाव किसानों को करना चाहिए।
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मक्के की खेती के लिए खाद प्रबंधन कैसे करें ?
मक्के की अच्छी पैदावार के लिए अच्छे बीज के साथ-साथ खाद का भी प्रबंधन सही होना चाहिए सही समय में अगर आप खाद देते हैं तो मक्के की ग्रोथ बढ़िया होगा और इससे उत्पादन बेहतर हो सकेगा। मक्का की खेती के लिए खाद प्रबंधन कैसे करें उसको लेकर बताया जाता है की मक्के की फसल के लिए बुआई से पहले मिट्टी की जांच करना चाहिए।
खाद : खाद को लेकर बताया जाता है कि बुआई से पहले खेत में 10-15 टन प्रति हेक्टेयर की दर से अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिला देनी चाहिए। 100-120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस, 40 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर देना चाहिए। फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा साथ ही नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुआई के समय प्रयोग करनी चाहिए। बाकी नाइट्रोजन की आधी मात्रा बराबर मात्रा में दो बार, पहली बुआई के 30-35 दिन बाद और दूसरी मात्रा टैसलिंग के समय छिड़काव के रूप में देनी चाहिए। किसान भाई मक्के की फसल के लिए खाद प्रबंधन को लेकर सम्बंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
सिंचाई प्रबंधन कैसे करें ?
खाद का प्रबंध के साथ-साथ सिंचाई का प्रबंध भी मक्के की खेती के लिए जरूरी होता है। किसी भी फसल के लिए सिंचाई प्रबंधन बहुत जरूरी होता है मक्के को लेकर अगर हम बात करें तो खरीफ सीजन में ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है मक्का की फसल में कम पानी सहने की क्षमता होता है। वहीं ज्यादा पानी भी फसल के लिए हानिकारक हो सकता है इसलिए किसानों को इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए।
खरपतवार नियंत्रण कैसे करें ?
खेती किसानी में खरपतवार एक बड़ी समस्या है मक्के की फसल के लिए खरपतवार का समस्या रहता है। जानेंगे खरपतवार को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। प्राप्त जानकारी अनुसार एघजीन या मेजीन खरपतवारनाशक 500 ग्राम सक्रिय तत्व 1-1.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से 700 से 800 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने से खरपतवार नियंत्रित होते हैं। किसान भाई मक्के की फसल के लिए खरपतवारों के नियंत्रण दवाइयों की जानकारी सम्बंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
मक्के की खेती से किसानों को लाभ..
मक्के की खेती अगर किसान कर रहे है तो इससे अधिक लाभ कमाया जा सकता है क्योंकि बाजार में मक्के का मांग ज्यादा रहता है और सीजन में मक्का 2000 रुपये कुंतल आसपास बिकता है तो इस तरह से धान की खेती के साथ-साथ किसान अगर मक्के की खेती भी करते हैं तो किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं।
किसानों की आय में होगी वृद्धि..
किसानों की आय में वृद्धि के लिए मक्का एक बड़ा जरिया बन सकता है ग्रामीण क्षेत्र में देखें तो ज्यादातर किसान मक्के की खेती करते हैं साथ में धान की खेती भी करते हैं। इस तरह धान और मक्के दोनों फ़सलों से किसानों को अच्छी आमदनी होता है। अगर किसान सही समय पर खाद प्रबंधन करते हैं सिंचाई प्रबंधन करते हैं खरपतवार का नियंत्रण करते हैं तो मक्का के उत्पादन में वृद्धि होगी अगर मक्का का उत्पादन बढ़ता है।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना कुछ मीडिया रिपोर्ट्स व जानकारियों पर आधारित है, इसलिए किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
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